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आयुर्वेदिक ट्रीटमेंट से ठीक हुई एक्यूट किडनी फेल्योर की समस्या

नमस्कार, मेरा नाम महिपाल सिंह है| मैं अल्मोड़ा, उत्तराखंड का रहने वाला हूँ| मैं घरों में टेलीविज़न डिश लगाने का काम करता हूँ| मेरा काम ही कुछ ऐसा है कि पूरा दिन कब निकल जाता हैं कुछ पता ही नहीं चलता| सारा दिन एक गाँव से दूसरे गाँव में डिश लगाने पर निकल जाता है| पहाड़ों में तो गाँव और घर बहुत दूर-दूर होते हैं| कई गाँव तो ऐसे भी हैं जहां अभी तक रोड़ भी पहुंची, ऐसे में मुझे और मेरे साथ काम करने वाले को पैदल ही जाना पड़ता था| एक दिन हम पास के ही गाँव में डिश लगाने गए थे कि अचानक मेरे पेट में दर्द होने लगा और मेरा पूरा शरीर पसीने से भीग गया| कुछ देर के बाद ऐसे लगा जैसे मुझे पेशाब आने वाले हो लेकिन जैसे ही मैं पेशाब करने लगा पेशाब ही नहीं आई| मुझें लगा शायद गर्मी के कारण ऐसा हो रहा हो| फिर जब मैं घर पहुंचा मैंने अपने छोटे भाई को बताया उसने कहा, ‘अगर ज्यादा तबीयत खराब हैं तो डॉ. को क्यों नहीं दिखा लेते ! मैंने सोचा, अब इतनी छोटी-सी बात के लिए डॉ. से क्या पूछना. कुछ दिनों तक तो मेरी तबीयत ठीक रही| लेकिन कुछ दिनों के बाद मुझें घबराहट और पेशाब करने में जलन सी महसूस होने लगी| मेरे घर से अल्मोड़ा ह